Monday, 18 January 2021

लगान

 लगान सन 2001 में आई हिंदी फिल्म है लगान फिल्म में रानी विक्टोरिया के ब्रिटिश राज की एक सूखा पीड़ित गांवों के किसानों पर कठोर ब्रिटिश लगान की कहानी है निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से लगान फिल्म की समीक्षा प्रस्तुत की गई है| 


कथावस्तु :
फिल्म की कहानी का प्रणाम गांव के उस दृश्य से होता है कि किस प्रकार गांव सूखा पीड़ित है वह गांव का प्रत्येक व्यक्ति आकाश की ओर नजर लगाए बादलों के इंतजार में बैठा है| 

विकास की स्थिति में ऐसी कई घटनाओं को दर्शाया गया है जो फिल्म में गतिशीलता लेकर आती है मोबाइल का हिरण को जंगल से शिकार से बचाना अंग्रेजों का राजा को मांसाहारी खाना प्रस्तुत करना व प्रांत में दुगना लगान की बात करना कहानी में विकास लाता है| इसके अलावा भुवन द्वारा क्रिकेट की शर्ट को मंजूर करना बग्गा वालों का उसका साथ ना देना फिल्म की कहानी में विकास की स्थिति पैदा करता है| 
कौतूहल कहानी में प्रत्येक क्षण देखने को मिलता है| क्रिकेट के मैच के दौरान दर्शकों का कौतूहल चरम सीमा पर होता है हम यह जाने के लिए प्रत्येक पल उत्सुक रहते हैं कि भारत की जीत आखिर में संभव होगी या नहीं यदि हां तो वह कैसे संभव हो| जब भारत क्रिकेट के मैच में हार की और आगे बढ़ रहा था वही भुवन कचरा को गेंदबाजी के लिए बुलाता हैl 

कहानी में यह चरमोत्कर्ष देखने को मिलता है| इसके अलावा अंत में जब बल्लेबाजी करते हुए भारतीय खिलाड़ी घायल हो जाते हैं तब भी हमारी जिज्ञासा चरमोत्कर्ष पर होती है कि भारत मैच कैसे जीतेगा लेकिन अंत में सबके साथ के साथ एवं हिम्मत के साथ भारतीय मैच जीतने में सक्षम होते हैं| 

फिल्म के अंत में जब भारतीय गांव के निवासी जीत जाते हैं उनका हर्ष और उल्लास देखकर दर्शकों के मन भी शांत हो जाते हैं एवं अंत में गांव में बारिश आ जाती है उनकी सारी खुशियों का लौटाना कहानी का एक सुखद अंत की ओर बढ़ना हैl

पात्र:

पात्र लगान फिल्म में हम सकारात्मक एवं नकारात्मक के साथ-साथ मुख्य एवं गुण पात्र देखने को मिलते हैं| भुवन गौरी इस्माइल अर्जुन गोली ईश्वर कचरा देव सिंह टीपू| यह सभी पात्र कहानी में सकारात्मक पात्रों के रूप में हम दर्शकों के समक्ष आते हैं| इन पात्रों के चरित्र में अच्छाई सच्चाई ईमानदारी परिश्रम आधी जैसे गुण देखने को मिलते हैं| इसके अलावा बने कैप्टन रसाल मचकुंड आदि नकारात्मक रूप में देखने को मिलते हैं| लाखा एक ऐसा पात्र है जो कहानी के प्रारंभ में नकारात्मक रूप में हम दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत होता है लेकिन जब कहानी अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंचती है तब लाखा गांव वालों का साथ देता है वह अपनी गलती मानते हुए उसे पश्चाताप की और चला जाता है एवं भारत को जीत की आग जीत की और आगे बढ़ाने में मदद करता है एक ऐसा पात्र है जिसके माध्यम से हम समझते हैं कि जीवन में गलती माने एवं उसे सुधारने से हम अपने जीवन को सुंदर बना सकते हैं वही दूसरों की मदद कर उनका विश्वास भी जीत सकते हैं| भुवन कहानी का एक मुख्य पात्र है जो कहानी को ना केवल गतिशीलता प्रदान करता है एवं घटनाओं को आदि जन्म देता है इसके साथ ही वह दर्शकों के समक्ष एक विशिष्ट पात्र के रूप में उभरकर सामने आता ह 

देशकाल एवं वातावरण :

 फिल्म में दिखाया गया देश का   बिल्कुल दिखाए गए समय के अनुकूल है| फिल्मी ब्रिटिश काल के दौरान वाले भारत की स्थिति को दिखाया गया है| उन स्थितियों को लोगों की वेशभूषा को  लोगों की बोलचाल को आधी को पर्दे पर प्रदर्शित करने में  निर्देशक सफल हुए हैं| उदाहरण के लिए जब भी राजा की सवारी कहीं जाती हैं वह हाथी पर जाते हैं ना की कार पर यह बिल्कुल पुराने समय के अनुकूल है| इसके अलावा गांव वालों की वेशभूषा उस समय के अनुकूल है गांव वाले धोती और जो औरतें हैं वह घाघरा चोली पहनती हैं वहीं इसके विपरीत अंग्रेजी लोगों को पेंट शर्ट टोपी इन सब में दिखाया गया है| यदि फिल्म या नाटक बनाते समय  देशकाल एवं वातावरण की स्थितियों को ध्यान में रखकर दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया जाए तो निर्देशक की सफलता का तो दिखाई देता ही है और साथ ही कहानी में स्वाभाविक था नजर आती है जिसे दर्शक अच्छे से कहानीकार  कल्पना के साथ खुद को अच्छे से जोड़ पाते हैं| किसी भी नाटक या फिल्म में देशकाल एवं वातावरण को दर्शाने के समय हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान आवश्यक रखना चाहिए 

-स्थान निर्धारित करना

-समय का समायोजन करना

-परिवेश निर्माण करना 

-परिवेश निर्माण में वस्तुस्थिति का निर्धारण करना 

यदि हम इन बातों को ध्यान में रखेंगे तो हम एक अच्छे देश काल एवं वातावरण का निर्माण कर अपनी कहानी या नाटक को दर्शकों के समक्ष संगठित रूप से प्रस्तुत कर सकेंगे|

संवाद योजना :
फिल्म में जितने भी संवाद है वरना के बहुत सरल है बल्कि सहज एवं रोचक संपूर्ण फिल्म में जहां भी पात्र एक दूसरे से बात करते हैं वहां संवाद लंबे नहीं दिखाएगा जिस कारण में गतिशीलता बनी रहती है कहीं भी स्थिरता नहीं दिखाई देती एवं दर्शक भी उन्हें रोचक समझते हुए सहजता से खुद को कहानी के साथ जोड़ पाते हैं एवं बोर नहीं होते| इसी के साथ संवाद स्थिति के अनुकूल है जिस तरह की स्थिति है संवाद उसी तरह के दिखाए गए हैं कहीं भी अस्पष्ट अनिश्चित बात नहीं की गई है| उदाहरण के लिए जब भुवन एवं एलिजाबेथ बात करते हैं तब हम देखते हैं कि किस प्रकार दोनों क्रिकेट के नियम और अंग्रेजी आदि के विषय में बातचीत करते हैं ना कि अन्य किसी चीज के बारे में जो स्थिति के अनुकूल ना हो| इसी के साथ निर्देशक ने यह भी ध्यान रखा है कि इस सीन के दौरान यह दिखाया जाए कि एलिजाबेथ को अंग्रेजी नहीं आती इसीलिए वहां पर एक अनुवाद करने वाला व्यक्ति भी होता है जिससे की कहानी में कंटिन्यूटी बनी रहती है| 

भाषा शैली:
 फिल्में सरल सहज एवं स्वाभाविक भाषा शैली का प्रयोग किया गया है हम जब फिल्म देखते हैं तब खुद को पात्रों से जुड़ा हुआ अनुभव करते हैं इसका एक कारण यही है कि फिल्म में जिस भाषा शैली का प्रयोग किया गया है वह बेहद स्वाभाविक है गांव वाले जो भाषा बोलते हैं वह उनके परिवेश स्थिति एवं समाज के अनुकूल है उदाहरण के लिए सभी पात्र सहज भाषा का प्रयोग करते हैं ना कि क्लिष्ट भाषा शैली का प्रयोग किया गया है यही कारण है कि फिल्म को जब भी कोई भी वर्क चाहे वह शिक्षित हो या अशिक्षित हो सभी उसको सरल रूप से समझ पाते हैं एवं उसकी पूरा आनंद उठा पाते हैं| इसी के साथ हमें इस बिंदु पर भी ध्यान देना होगा कि फिल्म में वर्णनात्मक शैली का बहुत कम प्रयोग किया गया है फिल्म की शुरुआत में ही केवल वर्णन किया गया है कि चंपारण गांव की स्थिति क्या है एवं ब्रिटिश वहां पर किस प्रकार जनता पर अत्याचार कर रहे हैं| इसके अलावा पूरी फिल्म में कहीं पर विवरणात्मक शादी नहीं है हर जगह संवादों की मदद से फिल्म को गतिशीलता प्रदान की गई है|

अभिनेता:
 यह कहानी बिल्कुल अभिनेता के अनुकूल है जैसा आप देख सकते हैं कि किस प्रकार लगान फिल्म में सही अभिनेताओं की मदद से फिल्म को सफल बनाया गया है| हम भी रंगमंच के नियमों एवं उन दृश्यों के बचाव से कहानी को रंगमंच पर प्रस्तुत कर सकते हैं जिनका प्रदर्शन करना असंभव हो जैसे कि प्राकृतिक दृश्य इन्हें हम रंगमंच पर नहीं दिखा सकते है| उदाहरण के लिए यदि हमें रंगमंच पर पानी के बहते हुए झरने को दिखाना है तो यह बिल्कुल भी संभव नहीं है इसलिए हमें इस प्रकार के दृश्यों को रंगमंच पर प्रस्तुत करना नहीं चाहिए एवं उनकी इनसे बचाव करना चाहिए| यदि हम इस फिल्म का उदाहरण लिए तो हम रंगमंच पर ऐसे बहुत से दृश्य हैं जिन्हें प्रस्तुत कर सकते हैं जिसे अंत में आए क्रिकेट के दृश्य को हम रंगमंच पर प्रस्तुत कर सकते हैं लेकिन इसी के साथ हम उन प्राकृतिक दृश्य को रंगमंच पर नहीं दिखा सकते जिनका प्रस्तुतीकरण संभव नहीं है उदाहरण के लिए बारिश का आना ,बिजली चमकना, घुड़सवार ओं का घोड़ों पर आकर गांव वालों को दुगने लगान की बात बताना| 

उद्देश्य:
 लगान फिल्म अपनी मूल कथा द्वारा जो उद्देश्य दशकों के समक्ष प्रस्तुत करना चाहती थी वह उसमें संपूर्ण रूप से सफल हुई है फिल्म के द्वारा यह संदेश देने की कोशिश की गई है यदि हम सब मिलकर किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने का दृढ़ निश्चय कर ले तो उसे पाना संभव है| बस जरूरत है आत्मविश्वास साथ एवं एक दूसरे पर विश्वास की| गांव वालों का एक दूसरे पर विश्वास ही अंग्रेजों को हराने में मदद करता है कहानी का दर्शकों तक लिए संदेश पहुंचाने में बिल्कुल सफल हुए हैं| 

अंत में हम कह सकते हैं कि भारतीय सिनेमा जगत में इस प्रकार की फिल्में होना एक गर्व की बात है| आज किस समय में हमें जरूरत है कुछ इसी प्रकार की फिल्मों की जो समाज को जोश समाज भाईचारा सकारात्मकता की ओर ले चली| समाज में बढ़ रहे अपराध को कम करने के लिए फिल्म अभिनेताओं की एक बड़ी भूमिका रहती है क्योंकि आज के समय में हमारी युवा पीढ़ी कलर दिशा की ओर चल रही है वह इन्हीं सब को अपना प्रेरक समझती है यदि उनके द्वारा किसी प्रकार के संदेश दिए जाएंगे उनकी फिल्मों के माध्यम से तो हमारी युवा पीढ़ी अवश्य ही एक अच्छी राह पर चलेगी और देश की प्रगति में अपना योगदान संपूर्ण रूप से देगी|